The Journey of Million Emotions

Saturday, February 9, 2013

मैं अपने इस हाल में भी खुश रह लेता हूँ ,
कभी मुस्कराते  हुए रो लेता हूँ ,
तो कभी रोते हुए मुस्करा लेता हूँ |




इतनी झूठी है मेरी जिन्दगी कि  अब सच इत्तिफ़ाक लगता है ,
इतनी आदत हो गई है  ग़म  की कि अब मरहम मजाक लगता है |




गुज़रे वक़्त की तारीफ में आज को खो जाओगे,
जो बीते कल में पहुँचे तो फिर आज में आने की कोशिश में लग जाओगे,
तो बेहतर है आज ही जीलो वरना धोखे में रह जाओगे |





कल की ही तो बात है कि उससे नज़रे मिली ,
आज लगता है कि मैं उसी की हो चली |




ये पल है हसीं ,ये लम्हा बेबसी,
यही है जिन्दगी ,जिसमें मेरी जान है फंसी |






जो गुज़रे कहीं से ख़ुशी तो उसकी मंजिल आप हों ,
अगर ये शर्त हो तक़दीर की कि सिर्फ हम दोनों में से कोई एक  मुस्कराये तो,
यह दिल से दुआ है कि हर बार वो एक आप हों ।





वो हमें याद करने के लिए फुर्सत ढूँढा करते हैं,
और यहाँ आलम यह है की उनके ख्याल हमसे कब रुखसत हों
यह फुर्सत ढूंडा करती है |




ज्यादा न सोच कि लोग क्या सोचेंगे ,वरना जिन्दगी इसी में निकल जाएगी, 
तू दिखावे में व्यस्त होगा और एक दिन जिन्दगी की शाम हो जाएगी ।




ता-जिंदगी मेरे आशियाने में अँधेरा रहा कि घी न था दीप जलाने के लिए ,  हैरान हूँ आज ये देखकर जो शिद्दत से चाहा तो पानी से जल उठे दिये  ।



यह जिन्दगी आपकी है , इसे अपनी खूबियों से सजायें ,
इसे किसी और की खामियों की तालिका बनाने में न गवायें ।




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