The Journey of Million Emotions: तो कहियेगा कि मोहब्बत है ...

Monday, April 1, 2013

तो कहियेगा कि मोहब्बत है ...

मेरी शरारती ऑंखें हर किसी की आँखों में ठहर जाती हैं ,
जो कभी ये आँखें बंद हों जाएँ और आप ठहर जाएँ 
तो कहियेगा कि मोहब्बत है ...

मेरी नटखट बातें हर दिल को छू जाती हैं ,
जो कभी ये गुफ़्तगू का सिलसिला थम जाए और दर्द की रग़ छू जाए 
तो कहियेगा कि मोहब्बत है ...

मेरी हँसीं की खन्नक हर चेहरे पर मुस्कान लाती है ,
जो कभी ये खनखनाहट कहीं गुम हो जाए और आपकी मुस्कुराहट अपने संग ले जाए 
तो कहियेगा कि मोहब्बत है ...

मेरी सोलह श्रृंगार की छवि तो हर निगाह को बहुत भाती है ,
जो कभी ये श्रृंगार फीका पड़ जाए और मेरी सादगी दिल में बस जाए 
तो कहियेगा कि मोहब्बत है ...

मेरी खिलखिलाहट मकान को घर बनाती है ,
जो कभी ये ख़ामोश हो जाये और घर सिर्फ पत्थर की संरचना रह जाए 
तो कहियेगा कि मोहब्बत है ...

मेरी सोहब्बत तन्हाई को दूर कर जाती है ,
जो कभी हम दूर चले जाए और भीड़ में भी आप अकेले रह जाए 
तो कहियेगा कि मोहब्बत है ...



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